उत्तरकाशी के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल , Best Place For Travel To Uttarkashi
उत्तरकाशी के बारे में, About To Uttarkashi
उत्तरकाशी का मौसम, uttarkashi ka Mosam
उत्तरकाशी के दर्शनीय स्थल, Best Place For Travel To Uttarkashi
- विश्वनाथ मंदिर
- मनेरी बांध
- तपोवन कुटी
- खेदी वाटरफॉल
- नचिकेता ताल झील
- शिवानंद कुटीर
विश्वनाथ मंदिर - जब कभी भी बात उत्तरकाशी के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में आती है तो विश्वनाथ मंदिर का नाम भी पर्यटकों की जुबान से दूर नहीं हटता है, भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर घंटियों की जोरदार आवाज और पंडितों के द्वारा मंत्रों के जपने की ध्वनि से पर्यटकों का स्वागत किया जाता है ऋषिकेश से 154 किलोमीटर की दूरी पर बने इस मंदिर के निर्माण के विषय में बताया जाता है कि इसका निर्माण राजा गणेश्वर द्वारा किया गया था और इसमें भगवान शिव जी की 26 फीट ऊंची त्रिशूल है श्रद्धा और आस्था का प्रतीक यह मंदिर हजारों पर्यटकों का आकर्षण स्थल बना हुआ है इसके चारों तरफ आपको खूबसूरत पहाड़ दिखाई देंगे जोकि हरे भरे पेड़ पौधों के साथ पर्यटकों का स्वागत करते हैं,
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Image Source By - wikimedia, licence- (CC BY-SA 4.0) |
मनेरी बांध - मनेरी बांध उत्तरकाशी का सबसे बड़ा विद्युत परियोजना प्लांट है जो कि भागीरथी नदी पर स्थित है और यह उत्तरकाशी से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बताया जाता है कि यहां विद्युत प्लांट 90 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है, मनेरी बांध की ऊंचाई 39 मीटर है जबकि इसकी चौड़ाई 127 मीटर है
मनेरी बांध उत्तरकाशी में आए पर्यटकों के लिए एक पर्यटक स्थल है यह एक फोटो फाइंड भी है और यदि आप अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर आना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए बहुत खास होने वाली है क्योंकि यहां आकर आप वाटर स्पोर्ट्स और रिवर राफ्टिंग का आनंद भी ले सकते हैं यहां न केवल भारत के पर्यटक आते हैं बल्कि विदेशों से आए पर्यटक भी उत्तराखंड में बसे इस खूबसूरत डेम के दर्शन करते हैं,
मनेरी बांध उत्तरकाशी में आए पर्यटकों के लिए एक पर्यटक स्थल है यह एक फोटो फाइंड भी है और यदि आप अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर आना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए बहुत खास होने वाली है क्योंकि यहां आकर आप वाटर स्पोर्ट्स और रिवर राफ्टिंग का आनंद भी ले सकते हैं यहां न केवल भारत के पर्यटक आते हैं बल्कि विदेशों से आए पर्यटक भी उत्तराखंड में बसे इस खूबसूरत डेम के दर्शन करते हैं,
तपोवन कुटी - तपोवन कुटी उत्तराखंड के उत्तरकाशी का एक ऐसा स्थान है जहां हर एक पर्यटक शांति एवं सुखमय वातावरण के लिए आया करता है, समुद्र तल से 4463 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तपोवन कुटी गुफाओं एवं झोपड़ियों से सजी साधुओं का एक निवास स्थान है,
तपोवन गंगोत्री ग्लेशियर के पास स्थित है और यहां सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक हैं तपोवन हिंदू धर्म में तपस्या की भूमि के रूप में भी जाना जाता है जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि तपस्या की भूमि यानी कि तपोवन , यह एक तपस्या भूमि होने के साथ-साथ देश विदेश से आए पर्यटकों के लिए एक साधना का स्थल भी है इसमें मौजूद हरी हरी घास और शुद्ध वातावरण के साथ चलते हैं कि हवाएं और चारों तरफ से पहाड़ों से घिरे होने के कारण यहां का भी नजारा काफी सुंदर लगता है,
खेदी वाटरफॉल - यदि आपको वाटरफॉल देखने के साथ साथ और वाटर स्पोर्ट्स और नदी में नहाने का शौक है खेड़ी वाटरफॉल आपके लिए एक अच्छा गंत्तव्य होने वाला है ऋषिकेश से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खेड़ी वाटरफॉल गंगोत्री और गोमुख के बीच में पड़ता है चारों तरफ से पहाड़ खूबसूरत वातावरण होने के कारण जो भी लोग इस सड़क मार्ग से गुजरते हैं वह खेदी वाटरफॉल में जरूर विजिट करते हैं यदि आप उत्तरकाशी की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको इसी स्थान पर विजय जरूर करना चाहिए चाहे इसके लिए आप एक दिन अपनी यात्रा का अलग से निकाल लें और इस खूबसूरत झरने का आनंद लेकर यहां की खूबसूरत तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करना बिल्कुल भी ना भूलें,
नचिकेता ताल झील - समुद्र तल से 2453 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नचिकेता ताल झील चील और बाज के पेड़ों से ढका एक पर्वत की श्रृंखला पर बसा एक झील है जोकि उत्तरकाशी से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैअपनी ठंडे पानी और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध नचिकेता ताल पर्यटकों का एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है यदि आपको जंगल ट्रैकिंग और शुद्ध हवा पानी के साथ बांझ और चीड़ के पेड़ों के शानदार भुजाओं को देखने का आनंद लेना है तो आपको नचिकेता ताल जेल जरूर विजिट करना चाहिए बताया जाता है कि इस झील का पानी प्राकृतिक तरीके से यानी कि बांझ जंगल में पाए जाने वाले विभिन्न पेड़ों के द्वारा पानी की पूर्ति की जाती है, बता दे कि यहां पर प्रवेश के लिए ₹10 शुल्क लिया जाता है जो कि वन विभाग द्वारा इसके रखरखाव के लिए प्रयोग किया जाता है, पर्वत रोही इस स्थान पर आकर ठंडे वातावरण का आनंद लेते हैं,
शिवानंद कुटीर - शिवानंद कुटीर उत्तरकाशी से 8 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक योगा विद्यालय हैं जहां पर विद्यार्थियों को योगा की शिक्षा दी जाती है आम तौर पर देखें तो पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है क्योंकि यहां पर न केवल योगा बल्कि आध्यात्मिक शिक्षा भी जाती है चारों तरफ बर्फ से ढके पहाड़ और हिमालय के बीच से निकलते सूरज की किरणों की रोशनी में योगा करना कितना अच्छा लगता है यह सब बातें आपको यहां आकर ही पता चलेगी, यह एक योग्य विद्यालय है जिसमें केवल 35 विद्यार्थियों को एक साथ ट्रेनिंग दी जाती है,
स्वाद के शौकीन के लिए उत्तरकाशी जिले का स्थानीय खानपान बड़ा ही अच्छा रहेगा क्योंकि यहां के भोजन की व्यंजनों में जो स्वाद है वह स्वाद आपको और जगह नहीं मिलेगा क्योंकि यहां के लोग हर चीज को वह बड़े ही प्यार से बनाते हैं और इसी स्वाद को सिखा तक पहुंचाते हैं यहां के शुद्ध और घरेलू मसाले और उनके अलावा यहां की शुद्ध सब्जियां , चलो अब देख लेते हैं कि यहां के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन के व्यंजन कौन-कौन से हैं
मंडवे की रोटी - मंडवे कि आटे की रोटी उत्तरकाशी और आसपास के जिलों का प्रसिद्ध व्यंजन है यह शुद्ध घरेलू मंडुवे के आटे से बनता है जो कि खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है और इससे हमारे शरीर को काफी मात्रा में लाभ प्राप्त होते हैं
कंडेली की भुज्जी - कंडेली की भुज्जी उत्तराखंड वासियों का प्रसिद्ध व्यंजन है इसे कंडेली के माध्यम से बनाया जाता है और यह सेम लाइक पालक की भुज्जी की तरह होता है लेकिन स्वाद में यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि मंडुवे की रोटी और कंडेली के भुज्जी को साथ में खाया जाए तो इसके सामने सभी देसी व्यंजन फीके पड़ जाते हैं क्योंकि यह दोनों बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं
झंगोरें की खीर - उत्तरकाशी के प्रसिद्ध व्यंजन झांगोरें की खीर काफी प्रसिद्ध है यह नॉर्मल खीरे की ही तरह बनता है लेकिन इसमें चावल की जगह यहां का स्थानीय अनाज जंगूरा को मिलाकर बनाया जाता है और यही झंगोरा इसके स्वाद को 4 गुना बढ़ा देता है इसका प्रयोग आप कभी भी कर सकते हैं यदि आप देवप्रयाग ट्रिप पर है तो आपको इस व्यंजन का स्वाद जरूर लेना चाहिए
भांग की चटनी - भांग की चटनी उत्तरकाशी की प्रसिद्ध चटनी है इसे भांग को पीसकर बनाया जाता है और यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि इस चटनी में भांग की मात्रा बढ़ा दी जाती है तो इससे नशा भी लगता है क्योंकि भांग नशे के काम भी आता है इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाता है
पहाड़ी दाल भात - यह व्यंजन उत्तराखंड में पाए जाने वाले पहाड़े दलों को मिलाकर बनाया जाता है तथा इस व्यंजन के साथ नॉर्मल चावल कैसे बनता है वैसे ही बनाया जाता है लेकिन दाल काफी स्वादिष्ट होती है क्योंकि इसमें सभी पहाड़ी दाल मिक्स की होती है
अरसा - अरसा मुख्य रूप से उत्तराखंड का लोकप्रिय व्यंजन है जिसे लोग शादी के मौसम में बनाते हैं लेकिन कभी-कभी यह हर समय उपलब्ध मिल जाता है दरअसल यह चावल को पीसकर बनाया जाता है और सेम लाइक पकोड़ो की तरह इसे भी तेल में तला जाता है
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको उत्तरकाशी में यदि कुछ दिन रुक ना पड़े तो मैं आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल्स के नाम दे रहे हैं जो कि सस्ते भी है और वहां आपको दैनिक जीवन में काम आने वाली सभी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों की सबसे अच्छी खासियत यह है कि आप इन्हें ऑनलाइन बुक कर सकते हैं अपनी यात्रा के दौरान,
तपोवन गंगोत्री ग्लेशियर के पास स्थित है और यहां सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक हैं तपोवन हिंदू धर्म में तपस्या की भूमि के रूप में भी जाना जाता है जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि तपस्या की भूमि यानी कि तपोवन , यह एक तपस्या भूमि होने के साथ-साथ देश विदेश से आए पर्यटकों के लिए एक साधना का स्थल भी है इसमें मौजूद हरी हरी घास और शुद्ध वातावरण के साथ चलते हैं कि हवाएं और चारों तरफ से पहाड़ों से घिरे होने के कारण यहां का भी नजारा काफी सुंदर लगता है,
खेदी वाटरफॉल - यदि आपको वाटरफॉल देखने के साथ साथ और वाटर स्पोर्ट्स और नदी में नहाने का शौक है खेड़ी वाटरफॉल आपके लिए एक अच्छा गंत्तव्य होने वाला है ऋषिकेश से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खेड़ी वाटरफॉल गंगोत्री और गोमुख के बीच में पड़ता है चारों तरफ से पहाड़ खूबसूरत वातावरण होने के कारण जो भी लोग इस सड़क मार्ग से गुजरते हैं वह खेदी वाटरफॉल में जरूर विजिट करते हैं यदि आप उत्तरकाशी की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको इसी स्थान पर विजय जरूर करना चाहिए चाहे इसके लिए आप एक दिन अपनी यात्रा का अलग से निकाल लें और इस खूबसूरत झरने का आनंद लेकर यहां की खूबसूरत तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करना बिल्कुल भी ना भूलें,
नचिकेता ताल झील - समुद्र तल से 2453 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नचिकेता ताल झील चील और बाज के पेड़ों से ढका एक पर्वत की श्रृंखला पर बसा एक झील है जोकि उत्तरकाशी से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैअपनी ठंडे पानी और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध नचिकेता ताल पर्यटकों का एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है यदि आपको जंगल ट्रैकिंग और शुद्ध हवा पानी के साथ बांझ और चीड़ के पेड़ों के शानदार भुजाओं को देखने का आनंद लेना है तो आपको नचिकेता ताल जेल जरूर विजिट करना चाहिए बताया जाता है कि इस झील का पानी प्राकृतिक तरीके से यानी कि बांझ जंगल में पाए जाने वाले विभिन्न पेड़ों के द्वारा पानी की पूर्ति की जाती है, बता दे कि यहां पर प्रवेश के लिए ₹10 शुल्क लिया जाता है जो कि वन विभाग द्वारा इसके रखरखाव के लिए प्रयोग किया जाता है, पर्वत रोही इस स्थान पर आकर ठंडे वातावरण का आनंद लेते हैं,
शिवानंद कुटीर - शिवानंद कुटीर उत्तरकाशी से 8 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक योगा विद्यालय हैं जहां पर विद्यार्थियों को योगा की शिक्षा दी जाती है आम तौर पर देखें तो पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है क्योंकि यहां पर न केवल योगा बल्कि आध्यात्मिक शिक्षा भी जाती है चारों तरफ बर्फ से ढके पहाड़ और हिमालय के बीच से निकलते सूरज की किरणों की रोशनी में योगा करना कितना अच्छा लगता है यह सब बातें आपको यहां आकर ही पता चलेगी, यह एक योग्य विद्यालय है जिसमें केवल 35 विद्यार्थियों को एक साथ ट्रेनिंग दी जाती है,
उत्तरकाशी का खानपान Local Food of uttrakashi
मंडवे की रोटी - मंडवे कि आटे की रोटी उत्तरकाशी और आसपास के जिलों का प्रसिद्ध व्यंजन है यह शुद्ध घरेलू मंडुवे के आटे से बनता है जो कि खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है और इससे हमारे शरीर को काफी मात्रा में लाभ प्राप्त होते हैं
कंडेली की भुज्जी - कंडेली की भुज्जी उत्तराखंड वासियों का प्रसिद्ध व्यंजन है इसे कंडेली के माध्यम से बनाया जाता है और यह सेम लाइक पालक की भुज्जी की तरह होता है लेकिन स्वाद में यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि मंडुवे की रोटी और कंडेली के भुज्जी को साथ में खाया जाए तो इसके सामने सभी देसी व्यंजन फीके पड़ जाते हैं क्योंकि यह दोनों बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं
झंगोरें की खीर - उत्तरकाशी के प्रसिद्ध व्यंजन झांगोरें की खीर काफी प्रसिद्ध है यह नॉर्मल खीरे की ही तरह बनता है लेकिन इसमें चावल की जगह यहां का स्थानीय अनाज जंगूरा को मिलाकर बनाया जाता है और यही झंगोरा इसके स्वाद को 4 गुना बढ़ा देता है इसका प्रयोग आप कभी भी कर सकते हैं यदि आप देवप्रयाग ट्रिप पर है तो आपको इस व्यंजन का स्वाद जरूर लेना चाहिए
भांग की चटनी - भांग की चटनी उत्तरकाशी की प्रसिद्ध चटनी है इसे भांग को पीसकर बनाया जाता है और यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि इस चटनी में भांग की मात्रा बढ़ा दी जाती है तो इससे नशा भी लगता है क्योंकि भांग नशे के काम भी आता है इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाता है
पहाड़ी दाल भात - यह व्यंजन उत्तराखंड में पाए जाने वाले पहाड़े दलों को मिलाकर बनाया जाता है तथा इस व्यंजन के साथ नॉर्मल चावल कैसे बनता है वैसे ही बनाया जाता है लेकिन दाल काफी स्वादिष्ट होती है क्योंकि इसमें सभी पहाड़ी दाल मिक्स की होती है
अरसा - अरसा मुख्य रूप से उत्तराखंड का लोकप्रिय व्यंजन है जिसे लोग शादी के मौसम में बनाते हैं लेकिन कभी-कभी यह हर समय उपलब्ध मिल जाता है दरअसल यह चावल को पीसकर बनाया जाता है और सेम लाइक पकोड़ो की तरह इसे भी तेल में तला जाता है
उत्तरकाशी में रुकने के लिए होटल, Hotels In Uttarkashi
- होटल ताज हिमालय
- होटल होली व्यू
- श्री हनुमंत रिजॉर्ट
- होटल जीत प्लेस
- होटल के .एन .बी हेरिटेज
- होटल डिवाइन प्लेस
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