चम्बा में घूमने की जगह , Best Place For Travel To Chamba
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नहीं पोस्ट में जिसमें हम बात करने वाले हैं चम्बा के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के बारे में चम्बा हिमाचल प्रदेश का एक जिला है जहां के बारे में आज हम चम्बा के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के बारे में बात करने वाले हैं इसी आर्टिकल में हमले में जानेंगे चम्बा के इतिहास के बारे में और चम्बा में यात्रा करने का सबसे अच्छा समय होने के साथ-साथ चम्बा का मौसम किस प्रकार से बना रहता है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना,
चम्बा के बारे में, About To Chamba
चम्बा एक पर्वतीय जिला है जो कि भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में पड़ता है प्राकृतिक सुंदरता और के साथ-साथ यहां पर मंदिरों और बहुत सारे ऐसी चीजें हैं जिनके लिए यह काफी प्रसिद्ध है समुद्र तल से 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंबा एक पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ हिमाचल की एक नगरी के रूप में भी जाना जाता है चंबा का कुल क्षेत्रफल 6528 किलोमीटर है, यहां पर राजा महाराजाओं का निवास हुआ करता था शायद यही कारण है की राजा ने इस नगर का नाम चंबा रखा क्योंकि उनकी प्रिय पुत्री चंपावती जिसकी वजह से इसका नाम भी चम्बा रखा गया होगा यहां आपको प्राचीन विरासत और संस्कृति से परिपूर्ण निशानियां आपको देखने को मिल जाएंगे, चम्बा की कुल जनसंख्या सन 2001 की जनगणना के अनुसार लगभग 25000 के आसपास हैं यदि आप अपने छुट्टियों को बिताने के लिए एक अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं तो आपको हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में जरूर विजिट करना चाहिए,
चम्बा का इतिहास, History of Chamba
चम्बा का इतिहास राजा महाराजाओं के साथ जुड़ा हुआ है, इसमें कई राजाओं ने शासन किया, यहां पर अनेक प्रकार के यहां की रियासतें हुआ करते थे चम्बा रियासत की स्थापना 550 ईसवी के लगभग में हुआ था और इसकी स्थापना सूर्यवंशी राजा मारू ने की थी जिसमें सर्वप्रथम उपाधि वर्मन ने धारण की थी, जिसके चलते 820 ईसवी मैं चंपा के स्थापना हुई थी चंपा का नाम राजा वर्मन वंश की राजकुमारी चंपा के नाम पर रखा गया था, रवि नदी के किनारे बसा चंपा मंदिरों की नगरी के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है 820 ईसवी के बाद इसमें कहीं राजाओं ने शासन किया जिसके चलते राजाओं ने इसे अपने तरीके से बदलना शुरू किया,
चम्बा का मौसम, Weather of Chamaba
चम्बा जो है वह भारत के हिमाचल प्रदेश का एक जिला होने के कारण चारों तरफ से यह पहाड़ों से ढका हुआ है जिसके चलते यहां का मौसम काफी सामान्य बना रहता है वर्ष के 12 महीनों में से यहां पर 3 महीने गर्मी पड़ती है और 9 महीने ठंड का मौसम रहता है वर्ष का मई से लेकर जुलाई तक का महीना सबसे गर्म वहां होता है इसके बीच यहां का तापमान लगभग 27 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहता है वही बात की जाए सर्दियों के मौसम की तो यहां पर अक्टूबर से लेकर फरवरी तक मौसम ठंडा बना रहता है इसके बीच आपको यहां पर बर्फ भी देखने को मिल जाती है कभी-कभी तो यहां का तापमान माइनस डिग्री में भी चला जाता है जिसके कारण यहां के लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है मानसून की बात की जाए तो जुलाई से सितंबर के बीच मानसून प्रवेश कर जाती है इस बीच यहां पर काफी बारिश देखने को मिल जाती है
चम्बा में घूमने की जगह, Best Palce For Travel To Chamba
- धोलाधारी
- बिहुरी सिंह संग्रहालय
- रंग महल
- द्वात महादेव मंदिर
- चंपावती मंदिर
चंपावती मंदिर - चम्बा के प्रसिद्ध मंदिरों में चंपावती मंदिर का नाम सर्वश्रेष्ठ स्थान पर लिया जाता है यह मंदिर ब्राह्मण वंश की पुत्री चंपावती की याद में बनाया गया था और आज के समय में यह चंबा का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है अलंकृत पत्थरों पर की गई नक्काशी इसकी पहचान का एक सर्वश्रेष्ठ माध्यम है जब भी आप इस मंदिर में प्रवेश करोगे तो यहां पर आपको पत्थरों की शानदार नक्काशी देखने को मिल जाएगी इस मंदिर की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी छत पर एक बड़ा पहिया बनाया गया है जोकि इसी सभी मंदिरों से अलग बनाता है मंदिर में मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण और वासुकी नाग की पूजा की जाती है आस्था का प्रतीक इस मंदिर का ऐतिहासिक और पुरातात्विक तौर पर भी महत्व है
रंग महल - यदि आपको चम्बा के अंदर ब्रिटिश वास्तुकला का एक अद्भुत नजारा देखना है तो आप रंग महल में आ सकते हैं, रंग महल का निर्माण 18 वीं सदी में राजा उमेद सिंह द्वारा किया गया था इस रंग महल की सबसे अच्छी खासियत यह है कि इसमें आपको मुगल वास्तुकला और ब्रिटिश वास्तुकला का संयोजन देखने को मिल जाएगा, आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य था और खूबसूरत हसीन वादियां यहां आए पर्यटकों को एक अच्छा अनुभव प्रदान करते हैं रंग महल चम्बा शहर के सुरारा ब मोहल्ला के आसपास में स्थित है महल में आपको रामायण और भगवान शिव जी और पार्वती के अलावा भगत पुराण के शानदार छवियों द्वारा सजाया हुआ है बताया जाता है कि उमेद सिंह जी के बाद राजा श्री सिंह ने इस महल की मरम्मत की थी मरम्मत करने के पीछे सबसे बड़ा कारण था शाही अनाज और खजाने के लिए एक गोदाम का निर्माण करना,
द्वात महादेव मंदिर - भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर न केवल चम्बा का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैल बल्कि हिमाचल राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में द्वात महादेव मंदिर का नाम लिया जाता है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि द्वात महादेव मंदिर का निर्माण महाभारत के समय हुआ था इसका निर्माण पांडवों ने किया था, इस मंदिर के निर्माण का एक रोचक तथ्य यह भी है कि इसे बनाने के लिए सभी पत्थरों को एक ही रात में सीकरी धार पर्वत से लाया गया था, जब पांडव वनवास में गए थे तो उन्होंने पूरे भारतवर्ष में मंदिरों का निर्माण किया था और जिन मंदिरों की स्थापना उन्होंने हिमाचल प्रदेश में गई थी वह चम्बा में स्थित द्वात महादेव मंदिर है इस मंदिर में शिवलिंग का निर्माण लाल रंग की पत्थर से किया गया है यदि आप एक प्रकृति प्रेमी है और आस्था आपके दिल में प्रचुर मात्रा में है तो आप चम्बा के द्वात महादेव मंदिर के दर्शन करना बिल्कुल भी ना भूले,
बिहुरी सिंह संग्रहालय - बिहुरी सिंह संग्रहालय हिमाचल प्रदेश के जिले में स्थित एक संग्रहालय है जोकि अपने वास्तु कला व शिल्प कला के लिए काफी प्रसिद्ध है दरअसल इसका निर्माण चंबा की बिखरती हुए संस्कृति और विरासत मजबूत करने के लिए सन 1908 में किया गया था संग्रहालय की स्थापना राजा भूरी सिंह के शासनकाल में हुई थी, इस संग्रहालय में आपको कला संस्कृति और निर्भय विज्ञान से संबंधित 8500 से अधिक वस्तुएं और अवशेष देखने को मिल जाएंगे, यदि आपको हिमाचल और संस्कृति और परंपरा के बारे में अधिक जानकारी हासिल करनी है तो आपको भूरी सिंह संग्रहालय के दर्शन जरूर करने चाहिए,
धोलाधारी - यदि आप चंबा यात्रा पर है तो आपको हिमाचल प्रदेश के धोलाधारी रेंज की यात्रा भी जरूर करनी चाहिए,धोलाधारी की उचाई 6000 मीटर तक है यह कुल्लू और मंडी जिले में भी फैला हुआ है यदि आपको क्लाइंबिंग और स्नो देखने का शौक है तो यह जगह आपके यात्रा को एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है इस धोलाधारी रेंज पर चड़ना कोई आसान काम नहीं है लेकिन आप एक पर्वतरोही है तो आपको प्रयास जरूर करना चाहिए,
रंग महल - यदि आपको चम्बा के अंदर ब्रिटिश वास्तुकला का एक अद्भुत नजारा देखना है तो आप रंग महल में आ सकते हैं, रंग महल का निर्माण 18 वीं सदी में राजा उमेद सिंह द्वारा किया गया था इस रंग महल की सबसे अच्छी खासियत यह है कि इसमें आपको मुगल वास्तुकला और ब्रिटिश वास्तुकला का संयोजन देखने को मिल जाएगा, आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य था और खूबसूरत हसीन वादियां यहां आए पर्यटकों को एक अच्छा अनुभव प्रदान करते हैं रंग महल चम्बा शहर के सुरारा ब मोहल्ला के आसपास में स्थित है महल में आपको रामायण और भगवान शिव जी और पार्वती के अलावा भगत पुराण के शानदार छवियों द्वारा सजाया हुआ है बताया जाता है कि उमेद सिंह जी के बाद राजा श्री सिंह ने इस महल की मरम्मत की थी मरम्मत करने के पीछे सबसे बड़ा कारण था शाही अनाज और खजाने के लिए एक गोदाम का निर्माण करना,
द्वात महादेव मंदिर - भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर न केवल चम्बा का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हैल बल्कि हिमाचल राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में द्वात महादेव मंदिर का नाम लिया जाता है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि द्वात महादेव मंदिर का निर्माण महाभारत के समय हुआ था इसका निर्माण पांडवों ने किया था, इस मंदिर के निर्माण का एक रोचक तथ्य यह भी है कि इसे बनाने के लिए सभी पत्थरों को एक ही रात में सीकरी धार पर्वत से लाया गया था, जब पांडव वनवास में गए थे तो उन्होंने पूरे भारतवर्ष में मंदिरों का निर्माण किया था और जिन मंदिरों की स्थापना उन्होंने हिमाचल प्रदेश में गई थी वह चम्बा में स्थित द्वात महादेव मंदिर है इस मंदिर में शिवलिंग का निर्माण लाल रंग की पत्थर से किया गया है यदि आप एक प्रकृति प्रेमी है और आस्था आपके दिल में प्रचुर मात्रा में है तो आप चम्बा के द्वात महादेव मंदिर के दर्शन करना बिल्कुल भी ना भूले,
बिहुरी सिंह संग्रहालय - बिहुरी सिंह संग्रहालय हिमाचल प्रदेश के जिले में स्थित एक संग्रहालय है जोकि अपने वास्तु कला व शिल्प कला के लिए काफी प्रसिद्ध है दरअसल इसका निर्माण चंबा की बिखरती हुए संस्कृति और विरासत मजबूत करने के लिए सन 1908 में किया गया था संग्रहालय की स्थापना राजा भूरी सिंह के शासनकाल में हुई थी, इस संग्रहालय में आपको कला संस्कृति और निर्भय विज्ञान से संबंधित 8500 से अधिक वस्तुएं और अवशेष देखने को मिल जाएंगे, यदि आपको हिमाचल और संस्कृति और परंपरा के बारे में अधिक जानकारी हासिल करनी है तो आपको भूरी सिंह संग्रहालय के दर्शन जरूर करने चाहिए,
धोलाधारी - यदि आप चंबा यात्रा पर है तो आपको हिमाचल प्रदेश के धोलाधारी रेंज की यात्रा भी जरूर करनी चाहिए,धोलाधारी की उचाई 6000 मीटर तक है यह कुल्लू और मंडी जिले में भी फैला हुआ है यदि आपको क्लाइंबिंग और स्नो देखने का शौक है तो यह जगह आपके यात्रा को एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है इस धोलाधारी रेंज पर चड़ना कोई आसान काम नहीं है लेकिन आप एक पर्वतरोही है तो आपको प्रयास जरूर करना चाहिए,
![]() |
dhuladhari, creative Commons, License-(CC BY - SA 3.0) |
खज्जियार झील - चम्बा जिले से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खज्जियार झील डलहौजी और चंबा टाउन के बीच में स्थित है खज्जियार झील समुद्रतल से लगभग 1951 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इसके आस पास का वातावरण इतना खूसूरत है कि आपको पहली बार देखने में ही यह आपके मन को मोहित कर देगा, चारो तरफ आपको देवदार के खूसूरत पेड़ पोधे देखने को मिल जाते है झील काफी छोटी हो चुकी है लेकिन छोटी होने के बावजूद भी यह आकर्षक प्रतीत होती है झील नाम मंदिर के देवता खज्जी नाग के नाम से रखा गया है, यह स्थान पर्यटकों के लोकप्रिय होने के कारण बर्ष में हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आया करते है
चम्बा में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय, Best TIme To Go In Chamba
चम्बा में रुकने के लिए होटल,Hotels In Chamba(Himanchal Pradesh)
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको चम्बा में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी,
- होटल नेक
- महाजन गेस्ट हाउस
- जोस्टेल डलहौजी
- गो स्टेप्स डलहौजी
- होटल रुद्रांश
- विमल होटल
- होम स्टे ग्रीम गुडरा
1 comments:
Click here for commentsPerfect place for travel
ConversionConversion EmoticonEmoticon